यह जो नजारे हैं
यह बस तुम्हारे हैं
एक छोटा सा कदम बढ़ा लो
इनको अपनी बाहों में सजा लो
तुम्हारे लिए ही यह
आसमान से, जमीन पर उतारे हैं
यह जो नजारे हैं
यह बस तुम्हारे हैं
•गौर फरमाएं •
जिन चीजों में तुम उलझोके
वैसे ही बन जाओगे
लक्ष्य नहीं बनाओगे तो
इन नजारों को बस देखते रह जाओगे
इसलिए
छोड़ो, बेवजह की बातों में
दिमाग को बहकाना
छोटी छोटी चीजों में, बस उलझ जाना
यह जीवन एक संघर्ष है
तुम लक्ष्य बनाकर इसे पार करते जाना
क्योंकि तभी
यह जो नजारे हैं
यह बस और बस तुम्हारे हैं
आसमान से, जमीन पर उतरे हैं
यह जो नजारे हैं
यह बस तुम्हारे हैं
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