मैं हूँ लक्ष्य का खोजी ,
सौ नदियों का पानी रोज निहाराता हूँ,
संघर्ष का शौकीन,
दरिया मे खुद को डूबोता हूँ,
तुम हँसो बरसाओ ताने हज़ार ,
मैं तो अपने हाल पे खुश रहता हूँ ,
मैं हूँ लक्ष्यका खोजी ,
पल पल हर कन मे उसको ढूंढता हूँ,
पाना नहीं उसको आसान ,
पर कोशिश पूरी मैं करता हूँ ,
जखम सुलगते रहे जिस्म पर अनगिनत ,
हौसला समंदर का लेकर चलता हूँ ,
मैं हूँ लक्ष्यका खोजी ,
लक्ष्य पा कर ही चैन लेता हूँ |"
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