Wednesday, August 10, 2022

अपना लक्ष्‍य बना - Hindi poem

 

एक पत्थर
रास्ते मे पड़ा
ठोकर मारी
चला
थोड़ी दूर तक |

हे सखी!
कन्हि तेरा जीवन भी ऐसा तो नही,
न बन कंकड़
चल
अभी
अपना लक्ष्‍य बना |

दुख
दूसरों से ना ले,
संघर्ष
खुद से खुद का बना,
तलाश
नयी राहें अपनी,
चल
अभी
अपना लक्ष्‍य बना |

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