Monday, August 22, 2022

जिंदगी की चाहत

 जिंदगी की चाहत
जानना परखना समझ जाना
खुद से खुद का रिश्ता जोड़ जाना
थोड़ा बदल जाना
कुछ नया सीख जाना
बंद तालाब नहीं
नदी बनकर बहते जाना
विचलित मन नहीं
प्रश्नवाच्य समझ को सारथी बनाना
कोरे कागज पर
दो शब्द, खुद के लिख जाना
बिना संकोच बिना डर
एक नई कविता बनाना
नए लक्ष्यों से
जीवन को सजाना
कुछ कर जाना
कुछ लिख जाना
खुद से खुद का रिश्ता जोड़ जाना

No comments:

Post a Comment